
कानपुर में ग्रीनपार्क स्टेडियम की सी बालकनी की जर्जर छत से सरिया बाहर झांक रही हैं। बीम बीच से फट चुकी है। छज्जों में दरारें पड़ चुकी हैं। गुरुवार को यहां दर्शक क्षमता बढ़ाने के लिए जांच करने पहुंची लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों की टीम ने यह हाल देखा, तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। टीम को निरीक्षण के दौरान लगभग हर दीर्घा में दर्शक क्षमता कम मिली।अधिकारियों का कहना है कि इसकी जांच आईआईटी कानपुर से कराई जाएगी, क्योंकि इस दीर्घा में साढ़े पांच हजार दर्शक बैठते हैं।
इस दीर्घा को लेकर किसी प्रकार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है। पूरी दीर्घा की मेंटीनेंस करानी पड़ सकती है। ग्रीनपार्क में 27 सितंबर से भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच होना है। स्टेडियम में लगातार घटती दर्शक क्षमता को लेकर शासन-प्रशासन सभी चितिंत है। कभी इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 44 हजार थी। सांसद रमेश अवस्थी ने स्टेडियम का निरीक्षण कर यूपीसीए, खेल विभाग, प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री को वास्तविकता बताई थी।
इसके बाद प्रमुख सचिव खेल ने यहां का निरीक्षण कर मंगलवार को लखनऊ में य़ूपीसीए व खेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दर्शक क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में गुरुवार को कमिश्नर के आदेश पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्टेडियम का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर उन्होंने कई घंटों तक एक-एक बालकनी और दर्शक दीर्घाओं में जाकर हकीकत परखी। टीम अपनी रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपेगी। निरीक्षण के दौरान सहायक अभियंता राहुल सिंह, अवर अभियंता अखिलेश कुमार, श्याम सुंदर, सुरजीत सिंह और खेल विभाग के उप क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अमित पाल मौजूद रहे।
यूपीसीए के सचिव व अन्य अधिकारियों ने किया निरीक्षण
गुरुवार की शाम को यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव, सह सचिव रियासत अली समेत अन्य अधिकारियों ने ग्रीनपार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने टूटी हुई दीर्घाओं को ठीक करवाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बारिश होने से वीआईपी पवेलियन की छत से पानी टपकने लगा। सचिव ने तत्काल छत की मरम्मत के लिए कर्मचारियों से कहा।
यूपीसीए को खुद नहीं पता वर्तमान दर्शक क्षमता
पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता राहुल सिंह अपनी टीम के साथ करीब 11:30 बजे ग्रीनपार्क में बने यूपीसीए के कार्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने कर्मचारियों से वर्तमान की दर्शक क्षमता पूछी, लेकिन कोई सही जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद अधिकारियों ने एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों से फोन पर बात की तो वह भी सही चीज नहीं बता सकें। इसके बाद खेल विभाग के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अमित पाल, बाबू मनोज कुमार ने कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिसमें दर्शक क्षमता 30200 लिखी थी।
कहां कितनी है दर्शक क्षमता
टीम ने पवेलियन ए-ग्राउंड और बालकनी का निरीक्षण किया, जहां बिल्डिंग से बरसात का पानी टपक रहा था। छत से भी कई जगह पानी गिर रहा था। इसकी दर्शक क्षमता लगभग 2300 है पर वर्तमान हालत देखकर यहां पर मात्र 70 प्रतिशत की दर्शक बैठ सकते हैं। टीम ने बी-जनरल दीर्घा को देखा, यहां 2082 दर्शक क्षमता है, लेकिन कुछ सीढि़यों की स्थिति बेहद खराब मिली।
सारी कुर्सियों को बंदरों ने फाड़ दिया था
यहां पर भी 70 फीसदी ही दर्शक बैठ सकते हैं। बी-गर्ल्स दीर्घा में 136 सीटें की बैठने लायक मिलीं, इनकी मरम्मत की जरूरत है। डी-चेयर्स दीर्घा में 30 फीसदी सीटें खराब मिलीं। ई-पब्लिक में सीटें 30 फीसदी सही मिली। वीआईपी पवेलियन व बॉक्स में स्थिति ठीक मिली। डायरेक्ट्रेट पवेलियन में बॉक्स की सारी कुर्सियों को बंदरों ने फाड़ दिया था। दरवाजे व पंखे तक टूटे पड़े थे। पवेलियन ग्राउंड में 70 प्रतिशत और बालकनी में 60 प्रतिशत ही दर्शक बैठ सकते हैं।
सी बालकनी की स्थिति काफी जर्जर है। पिलर से सरिया बाहर आ चुके हैं। छत में कई स्थान से बारिश का पानी टपक रहा है। ऐसी स्थिति में इसका निरीक्षण आईआईटी से करवाया जाएगा ताकि पता लग सके कि बिल्डिंग कितनी कमजोर है, क्योंकि यह दर्शकों की सुरक्षा का मामला है। -राहुल सिंह, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी