
आरटीई(राइट टू एजूकेशन) के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में प्री प्राइमरी और फस्र्ट क्लास में एडमिशन के लिए चयनित बच्चों को चार महीने बाद भी एडमिशन नहीं मिल पाया है। प्राइवेट स्कूल में बच्चे को पढ़ाने की चाह लिए आर्थिक रूप से कमजोर पैरेंट्स आवंटित स्कूलों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। निराश होकर 1865 पेरेंट्स ने अब बच्चों का इन स्कूलों में एडमिशन कराने से ही इन्कार कर दिया है।